श्रीजी की पालकी यात्रा में आनंद उत्सव, नृत्य एवं भजन के संग हुई आराधना

                               


* श्रीजी  की पालकी यात्रा में आनंद उत्सव, नृत्य एवं भजन संग हुई आराधना


 


देहरादून, businessthought.page 


 


पर्यूषण पर्व के दसवे दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के अवसर पर श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जैन भवन गांधी रोड पर एवं शहर के समस्त मंदिरों में अनंत चतुर्दशी और 12वीं तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 वासुपूज्य भगवान का निर्माण महोत्सव मनाया गया। 


 


इस श्रंखला में श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर एवम जैन भवन गांधी रोड में प्रातः 6:45 बजे से नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा हुई तत्पश्चात 8:00 बजे सामूहिक निर्वाण लाड़ू चढ़ाया गया।


                                 


दोपहर 2:00 बजे मंदिर प्रांगण में ही श्रीजी की पालकी यात्रा सुक्ष्म रूप से निकाली गयी। श्रीजी की पालकी यात्रा में सभी ने आनंद उत्सव कर नृत्य एवं भजन गाकर श्रीजी की आराधना की।


 


कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए  बहुत से जैन परिवारों ने अपने घर में पालकी यात्रा निकाली। इस पावन पर्व पर शांति धारा राजीव जैन, संजय जैन ने प्रथम कलश, संदीप जैन एवं श्री वासुपूज्य भगवान का निर्माण लाडू अमित जैन, कथा आज दोपहर 1:00 बजे मंदिर प्रांगण में पालकी यात्रा निकाली गई।


 


 श्रीजी की बोली राजीव जैन तथा खजांची की बोली संदीप जैन तथा आरती की बोली रमा ने सौभाग्य प्राप्त किया।


                                     


इस अवसर पर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के बारे में बताते हुए जैन समाज के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद जैन ने कहा कि उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म ब्रह्म = आत्मा, ब्रह्म मे चर्या करना अर्थात आत्मा मे रहना, रमना। बाह्य इन्द्रिय विषय, काम वासना को छोड स्वभाव मे रहना, निश्चयसे ब्रह्मचर्य कि यही व्याख्या है।



इसी श्रंखला में जैन भवन के अध्यक्ष प्रवीण जैन ने कहा कि हमे सुदर्शन सेठ के समान ब्रह्मचर्य व्रत का पालन प्रत्येक पुरुष को करना चाहिए।


 


उन्होंने कहा देखा जाय तो माता सीता कितने ही दिनों तक रावण के अधीन में रही आई, रावण ने सब तरह के लालच दिए। सीता के सामने रक्खे, अपनी बड़ी भारी विभूति और विद्याधरों के प्रभाव से उसे प्रभावित करना चाहा तथा बहुरूपिणी विद्या सिद्ध करके रावण ने सीता को अपने साथ विवाह करने के लिए अनेक भयानक दृश्य दिखलाये परंतु माता सीता के अटल ब्रह्मचर्य को वह जरा भी न डिगा सका।



सांध्यकालीन समय मे 7:30 बजे सामूहिक रूप से श्रीजी की महाआरती का आयोजन किया गया।


 


इस मौके पर जैन धर्मशाला के मंत्री, संदीप जैन, उप मंत्री  अजीत जैन, कोषाध्यक्ष सुकुमार जैन, सुखमाल जैन, सुनीता जैन, प्रिय जैन, नीरज जैन एवं दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष  विनोद जैन, महामंत्री हर्ष जैन, महेंद्र जैन, अशोक जैन, विजय जैन, विनय जैन, मुनेंद्र स्वरूप, एस के जैन, सुधीर जैन, बीना जैन, भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय महामंत्री नरेश चंद जैन, गौरव जैन, मनीषा जैन, पूर्णिमा, सुदेश, उमा, सुनैना एवं समाज के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।