आयुष चिकित्सकों की वेतन कटौती बंद हो : डॉ. डीसी पसबोला

                           


देहरादून, businessthought.page 


 


अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना काल में आयुष डॉक्टर लगातार काम कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार उन्हें प्रोत्साहन भत्ता देने की बजाय उनके वेतन से 1 दिन का पैसा काटने में लगी हुई है। 


 


प्रदेश के आयुष चिकित्सकों ने इसका जबरदस्त विरोध किया है आयुष चिकित्सकों का कहना है कि यदि उनकी वेतन कटौती वापस ना की गई तो पूरे प्रदेश के आयुष चिकित्सक आंदोलन को बाध्य होंगे। 


 


पत्रकारों से बातचीत में राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. डीसी पसबोला ने सरकार की इस नीति का कड़ा विरोध किया है।


                             


उनका कहना है कि 6 मार्च से अधिक समय से आयुष चिकित्सक 19 19 घंटे तक काम कर रहे हैं। जबकि एलोपैथिक चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की वेतन कटौती ना करने के लिए सरकार तैयारी कर रही है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।


 


एक सवाल के जवाब में डॉ. पसबोला ने हर महीने आयुष चिकित्सकों की वेतन से 1 दिन का वेतन काटना उन्हें हतोत्साहित करने वाला है। 


 


उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्बेट सर्विलांस ड्यूटी, क्वॉरेंटाइन सेंटर्स ड्यूटी और सैंपल कलेक्शन सेंटर्स में 95% आयुष फ्रंटलाइन कोरोनावरियर्स ही तैनात हैं। लेकिन उनके काम की अनदेखी की जा रही है। 


 


संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. पसबोला ने रोष जताया कि आयुष चिकित्सकों की काफी समय से चली आ रही डीएसीपी की मांग भी अभी तक सरकार ने पूरी नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस तरह से आयुष प्रदेश में आयुष चिकित्सकों की उपेक्षा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। 


 


 उन्होंने कहा कि संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर के एस न पल्सर की ओर से बीती 5 सितंबर को, प्रांतीय महासचिव डॉक्टर हरदेव रावत की ओर से 16 सितंबर को, आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, आयुष सचिव एवं निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं को भी पत्र प्रेषित किया गया है। 


 


पत्रकारों के सवालों के जवाब में डॉक्टर पसबोला ने कहा कि प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ अजय चमोला ने भी सरकार से आयुष चिकित्सकों की सभी मांगें माने जाने का अनुरोध किया है लेकिन इस संबंध में सरकार ने अभी तक कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया है।