चैंप ना निकालो तो फोड़े फुंसी हो जाते हैं, इसी तरह त्याग ना करो तो दूषित हो जाता है जीवन

                                   


* पर्यूषण पर्व के आठवें दिन श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में श्रीजी की शांति धारा एवं प्रथम कलश, विपिन जैन, अक्षत जैन, दलीप सिंह को प्राप्त हुआ सौभाग्य 


 


देहरादून, businessthought.page 


 


 पर्यूषण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग के अवसर पर श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जैन भवन गांधी रोड देहरादून में श्रीजी की शांति धारा एव प्रथम कलश विपिन जैन, अक्षत जैन, दलीप सिंह को सौभाग्य प्राप्त हुआ। 


 


आज उत्तम त्याग धर्म के अवसर पर सौरभ सागर सेवा समिति के तत्वाधान में अभिषेक जैन और मनन जैन ने उत्तम त्याग धर्म के अवसर पर कुआं वाला में गौशाला में एक गाड़ी चौकर दान किया। 



इस अवसर पर  राष्टीय महामंत्री जैन मिलन नरेश चंद जैन ने कहा कि भोग विलास की चीजों और क्रोध, मान, माया, लोभ का त्याग सबसे बड़ा माना गया है और महत्वपूर्ण भी। त्याग करने से लोभ और मोह कम होता है । 



 जैन भवन मंत्री संदीप जैन ने उत्तम त्याग धर्म के बारेे में कहां  कि *उत्तम त्याग धर्म*  *कोई मरकर देता है कोई देकर मरता है।*


 


*उत्तम त्याग धर्म* आप आम को खाने से पहले उसे दबा-दबा कर ढ़ीला करते हैं, फिर उसके ऊपर से टोपी (ड़ंठल) हटाते हैं, खाने से पहले चैंप निकालते हैं वर्ना फोड़े फुंसी हो जाते हैं।


 


त्याग धर्म में दबा दबा कर ढ़ीला करने का मतलब -अंटी ढ़ीली करना, ड़ंठल हटाने का मतलब – अपने घर के खजाने पर से ढ़क्कन खोलना, चैंप निकालने का मतलब – उपयोग से पहले त्याग करना, त्याग नहीं करोगे तो जीवन दूषित हो जायेगा। 



इसी श्रंखला में संध्या कालीन आरती सामूहिक रूप से की गई। इस अवसर पर केंद्रीय महिला संयोजिका मधु जैन, संजय जैन, अमित जैन, मोनू जैन, अर्जुन जैन, गुड्डु जैन, दीपक जैन, सचिन जैन, जुली जैन, रीता जैन, ज्योति जैन, उमा जैन, आयुष जैन आदि उपस्तिथ रहे।