' कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता
जरा एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों '
* वेस्ट वॉरियर्स संस्था के स्वयंसेवी समाज के हर सुख दुख में साथ
देहरादून.businessthought.page सुबह 10: 00 से शाम 5: 00 बजे तक की नौकरी. ना कोई झंझट ना कोई भागदौड़. परिवार के साथ जीवन आराम से व्यतीत होता. लेकिन मन संतुष्ट नहीं था. समाज के लिए कुछ करने की चाहत थी. तभी वह छोर मिल गया, जिसके साथ आगे बढ़ते हुए सैकड़ों लोगों के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं.
जी हां, हम बात कर रहे हैं वेस्ट वॉरियर्स संस्था के संचालक देहरादून के रेसकोर्स निवासी नवीन कुमार सडाना की. एक बातचीत में नवीन ने हमारे साथ अपने सफर के कुछ संस्मरण शेयर किए. नवीन कहते हैं मैं रोज सुबह बैंक की नौकरी के लिए जाता था और शाम को घर वापस आ जाता था. लेकिन मन में शांति नहीं थी. मैं इस रूटीन से कुछ अलग करना चाहता था जो समाज के लिए हो. तभी मुझे वर्ष 2016 में वेस्ट वॉरियर्स संस्था, जिसकी मुख्य संचालिका जोडी अंडरहिल, ताशी पारीक के साथ जुड़ने का मौका मिला. वहां काम करते हुए कुछ ही दिन में मुझे आभास हो गया कि यही मेरी मंजिल है.
इसके बाद संस्था के साथ हमने काम की शुरुआत की और क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया नारे के साथ देहरादून, रामनगर, धर्मशाला में ठोस कचरा प्रबंधन पर काफी काम किया. हमारी टीम ने लोगों को गीले और सूखे कूड़े की जानकारी दी. हम लोगों को यह भी बताते रहे कि आप पर्यावरण की रक्षा भी इस प्रकार से कर सकते हैं. हमने अन्नपूर्णा की महत्ता भी बताई. यही कारण है कि देहरादून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्वच्छ कॉलोनी अवार्ड 2019 के लिए केवल विहार कॉलोनी, CSIR-IIP मोहकमपुर और सिद्धार्थ पैराडाइज पंडितवाड़ी को प्रथम द्वितीय और तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत किया गया. यहां संस्था की ओर से कचरा प्रबंधन किया जाता रहा है.
हमारी आने वाली योजनाओं में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, हिंदुस्तान कोका कोला, नगर निगम देहरादून, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर हररावाला में प्लास्टिक वेस्ट फैसिलिटी की शुरुआत होने जा रही है. सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल को जीरो वेस्ट डेस्टिनेशन भी बनाया जाएगा. एक बात यह भी महत्वपूर्ण है कि हम केवल ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में काम ही नहीं करते बल्कि समाज के साथ हर सुख दुख में खड़े रहते हैं. इसी के तहत कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए हम जरूरतमंद लोगों तक राशन भी पहुंचा रहे हैं.
नवीन के साथ interview में हम इस बात का जिक्र जरूर करना चाहेंगे कि हमें वह उत्साह से लबरेज दिखे. अपने कार्यालय के साथियों के साथ लंच टाइम में एक परिवार के सदस्य की तरह नजर आए. ऐसी ही कुछ बातें होती हैं, जो सबको साथ लेकर चलने वाले एक सफल व्यक्तित्व में दिखाई देती हैं. खास बात यह है कि नवीन वेस्ट वॉरियर्स संस्था में अपनी जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ हजारा अरोड़ वंश बिरादरी के ऑडिटर और शिवालिक एनक्लेव वेलफेयर सोसाइटी के सचिव पद पर भी समय देते हैं. परिवार की तरफ से भी उनकी माता, पत्नी और दोनों बच्चों का सहयोग मिलता है. अंत में नवीन अपने मैसेज में कहते हैं जीवन में सफलता का रास्ता बहुत आसान है. कुछ भी करने के लिए सरकार की ओर नहीं देखना चाहिए. एक ईमानदार कोशिश के साथ सफलता अपने आप आपके कदम चूम लेती है.