देहरादून, 1 साल बाद दोबारा अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत के दूसरे दिन नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में टीम के सदस्यों ने अतिक्रमण किए गए स्थानों पर लाल निशान लगाए. खासकर जिन स्थानों पर पहले अतिक्रमण तोड़ा गया था वही दोबारा टीम पहुंचने पर क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति रही, आसपास के लोग और दुकानदार चर्चा करते देखे गए कि अपना कारोबार कैसे करें और कहां जाएं.
प्रेम नगर इलाके में तोड़फोड़ करने के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान की टीम ने नेहरू कॉलोनी का रुख किया है आज टीम के सदस्य नेहरू कॉलोनी रिस्पना पुल के पास पहुंचे और उन्होंने उन स्थानों पर लाल निशान लगाए जहां पर पहले अतिक्रमण तोड़ा गया था लेकिन कई लोगों ने वहां फिर से अतिक्रमण कर लिया और कई नई जगह पर भी लाल निशान लगाने के लिए टीम पहुंची खास बात यह है कि टीम के सदस्य फीता आदि अपना सामान लेकर के वहां पहुंचे तो विशेषकर दुकानदारों में हड़कंप की स्थिति रही. आनन फानन में लोगों ने अपना सामान दुकानों के भीतर करना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में वहां जगह-जगह लोगों का जमघट लगने लगा क्षेत्र के लोग आपस में चर्चा कर रहे थे कि अभी 1 साल भी नहीं हुआ वहां से अतिक्रमण हटाया गया है अब उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है अगर एक-दो लोगों ने अतिक्रमण किया है तो उनके ऊपर ही कार्रवाई होनी चाहिए दोबारा से पूरी अतिक्रमण की टीम को लाकर फिर तोड़फोड़ की जाएगी तो उनके लिए उसकी भरपाई करना बहुत मुश्किल होगा. दुकानदारों का कहना है कि आजकल वैसे ही काम नहीं है ऊपर से फेस्टिवल सीजन शुरू होने जा रहा है थोड़ी बहुत जो उम्मीद अब काम की थी वह अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत नजर नहीं आ रही है ऐसे में लोग अपना दोष अतिक्रमण हटाओ अभियान को दे रहे हैं लेकिन असलियत में जिन लोगों ने अतिक्रमण हटने के बाद दोबारा वहां पर कर लिया उनके लिए भी यह प्रश्न खड़ा होता है कि ऐसा करने पर प्रशासन को दोबारा उन्हीं स्थानों से अतिक्रमण हटाने के लिए विवश होना पड़ रहा है तो साफ है कि कहीं ना कहीं हम खुद अतिक्रमण के लिए बराबर के दोषी हैं.