देहरादून, जब लोग मर गए, अस्पताल भर गए, तब प्रशासनिक अधिकारियों को डेंगू से लड़ने की याद आई. जब डेंगू जाने को हुआ तब उसके बारे में जाकर लोगों को बताया गया. जगह जगह फागिंग कराई गई. चलो... देर आयद दुरुस्त आयद.
रविवार की सुबह पुलिस, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जगह-जगह जाकर डेंगू के प्रकोप से लोगों को बचने की जानकारी दी. कई स्थानों पर डेंगू का लारवा नष्ट किया गया और फागिंग कराई गई. बताया गया कि यह अभियान युद्ध स्तर पर चलाया गया है. हालांकि देर से ही सही शुरुआत तो अच्छी है लेकिन अगर यह सब पहले ही कर लिया जाता तो कितनी जाने बच सकती थी हजारों लोग जो अस्पतालों के दरवाजे तक पहुंच गए वह भी ठीक-ठाक अपने घरों में रहते. आज डेंगू के प्रकोप का यह हाल है कि शायद ही कोई घर ऐसा बचा है जहां पर कोई सदस्य डेंगू से पीड़ित ना हुआ हो. सवाल यह खड़ा होता है कि जब पिछले कुछ सालों से लगातार डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है तब भी क्या संबंधित विभाग को नहीं चेतना चाहिए था उनको पहले से ही इंतजाम करने चाहिए थे जगह-जगह सफाई फागिंग आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए थी. अब जब डेंगू जाने को हुआ तो सभी विभाग मिलकर उसके खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाए हुए हैं. चलो डेंगू से तो नहीं लड़ पाए लेकिन अब स्वाइन फ्लू से बचने की तैयारी तो कर ली जानी चाहिए.